जलालपुर , अंबेडकर नगर, 14 जनवरी। जहां किसान अभी गेहूं की बुवाई के लिए डीएपी खाद की कमी से के जूझ रहे थे, वहीं अब किसान गेहूं की सिंचाई के बाद यूरिया खाद के लिए जूझ रहे हैं । किसानों को यूरिया के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार द्वारा वैसे तो किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने की बात करती है परंतु खाद के लिए किसानों को दर-दर भटकना पड़ रहा है, जब फसलों की बुवाई करनी थी उस समय किसानों को डीएपी खाद की आवश्यकता थी, परंतु उस समय डीएपी की कमी के चलते किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था और तमाम किसान बिना डीएपी के ही अपनी फसलों की बुवाई कर दिए। वहीं अब किसानों को फसलों की सिंचाई के बाद युरिया की आवश्यकता है तो अब सरकारी केंद्रों से यूरिया ही गायब हो गई है हफ्ते में जो 200-400 बोरी यूरिया आती है तो घंटे 2 घंटे में समाप्त हो जाती है, जिससे किसानों की समस्या ज्यों का त्यों बना हुआ है जबकि प्राइवेट दुकानों पर यूरिया के साथ लंघड लगाया रहा है और महंगे दाम पर भी बेचा जा रहा है लेकिन किसान मजबूरी में महंगे दाम पर खाद व लंघड के साथ खरीदने को मजबूर हैं। शनिवार को जब सहकारी संघ जलालपुर मे खाद के संबंध में सचिव सति राम यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया यूरिया अभी 4-6 दिन बाद ही उपलब्ध हो पाएगी। जबकि भारी मात्रा में डीएपी का स्टाफ उपलब्ध है। ऐसे में जब किसानों को समय से खाद उपलब्ध नहीं हो पाएगी तो किसानों के लिए काफी दिक्कतें पैदा हो जाती है।
किसान शिवपूजन मिश्र ने बताया कि यूरिया की मौजूदा समय में काफी दिक्कत है जिसके लिए मैं जगह-जगह भटक रहा हूं परंतु यूरिया खाद कहीं नहीं मिल पा रही है। वही किसान धर्मेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि मौजूदा समय में फसलो की सिंचाई के बाद यूरिया की अति आवश्यकता है लेकिन यूरिया खाद पर संकट दिखाई पड़ रही है जिससे हम सब काफी परेशान हैं।
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